राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान पटना, मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा बनाई गई प्रौद्योगिकी की 18 वीं राष्ट्रीय संस्थान है। भारत सरकार ने तत्कालीन बिहार कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग को दिनांक 28.01.2004 को एनआइटी का दर्जा प्रदान किया। एनआइटी पटना की शुरुआत 1824 में प्लीडर्स सर्वेक्षण प्रशिक्षण स्कूल के रूप में हुई । 1924 में इसे बिहार कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग में पदोन्नत कर दिया गया था । यह संस्थान भारत के 6 सबसे पुराने इंजीनियरिंग संस्थानों में से एक है। स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम को 1978 में स्नातकोत्तर स्तर तक बढाया गया। यह संस्थान पटना के सबसे महत्वपूर्ण और श्रद्धामय जगहों में से एक गांधी घाट के पीछे पवित्र गंगा नदी के दक्षिणी तट पर स्थित है। गाँधी घाट में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के अस्थियों को विसर्जित किया गया है। परिसर में ऐतिहासिक इमारत, वास्तु सुख और प्राकृतिक सौंदर्य के साथ साथ एक सुरम्य नदी के दृश्य है।
स्थापना के बाद से, एनआईटी पटना विकास के तीव्र पथ पर प्रगतिशील है और अनेको बदलाव देखे गए है , जिसकी वजह से नियुक्ति अभिलेख में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।